दिवस मित्रता के लिए, सिर्फ बरस में एक ।
करना चाहूं मित्र का, मैं हरदिन अभिषेक ।।
मित्र, मित्रता का दिवस, सबका ये पैगाम ।
जीवन में यदि आ सके, मित्र मित्र के काम ।।
चिरजीवी हो मित्रता, चिरजीवी हो मित्र ।
दिखलाना मत मित्र का, माला अर्पित चित्र ।।
क्या बताऊँ कि मेरे साथ वो क्या-क्या चाहे ..... वो न तितली न वो जुगनू न ही तारा चाहे........